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१५ ने तुरंत ग्रन्तधीन छ ।

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तो ध्ये' प्रभुनो इच्छा थाय ता में वचि वळो ए हो कर । १९ परंतु वै तमारो वडाईः यो तमाएं आनन्द है ए सज

१७ आनन्द खराब है । एम.टै ज्ये मणीस श्राछ' काम करेंवा जाये बळी करतो नथीं त्ये त्येन पाप है ।

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धन खराब घबू ने तमाङ वस्त्र कोडा खा गया के तमारु ३ सेन ने रुप मेरो खाई गया है वळो त्येहानी मोरचौ

मिलें एवं नमा

तमारी विराजतामा एक साक्षी थाने में शरीर खाई नांख्भे तमें अंतरा समयने मात्रै धन एक • क्रोधं । जूलैौ ये मजूर लेाकयें तमारूं खेतर का

येनो को मजूरी इळधी बंद रहै तो मजूरो हो हो करै : है ने कानावाळा नो हो हो के जौना विना कानमा * पैसी छे । तमें सुख भोगथी संसारमा दान काप्यै है में रमनमा लागों रसा। तमें मारवाना दाहाने श्वा तान् मन मोटा कोधूंछें । तमें साथ में दोषोने इलाक को धीरे ७ परंतु त्ये तमारी कांई विरुद्धता करतो नयो । ए माटै हे भाइयो प्रभुता आवासुधी सहवावाला घावै। जूचा खेच कर वाबाळा भूमिना वर्ड मोल पाळनी वाट जुये है वळी कामंळ

अंत वर्षा पाम्वा सुधो येनें माटै मोटो धोरण बांधोरैः । ८ वपण सहवू ं घावै। ने तमारं मनपथ् स्थिर करे। क्म्को प्रभु धूकडेथ है। हे भाइयै कोई कोई नेंट ब

क़ार करजो मत को तमें दोषो न थांवा भूम्रा विचार करवा १० बाळा बारणाने मासे ऊभा है । है मारा भाइ ज्ये आचा यी प्रभुता नाममा कयूं है . त्येहाने घयूं दुख पामवून

सद्द्व ं करैछे त्येच्चे नें अमें सुखो करो जागिये हैयें नमें योबना सङ्घबामी वाता साहजी दळी ईश्वरन् अभि प्राय जे.यूं क्ये प्रभु मोटो दयाल ने कृपाल है । परंतु १२ हे मारा भाइयो ए सऊधी अवश्यक को तमें कोई सम न

करौ स्वर्भन् न म लनें कये एबोन नाम लेने को वळी कोई

सम करीनेंपण परंतु दोघमा न पडवानें माटे तमार १३ हां हां घाय ने तमारी ना ना थाय । तमारा बचमा और कोई दुखी ध्यायते। त्ये प्रार्थना करे कोई जौ रम्कि १० थयेोहायता त्ये धर्मं गोत गाय । तमारा बच्मा जो कोई अचैन थया होय तो त्ये मंडळीना जूना लेोकानें तेडे वळी त्ये प्रभुना नामयो त्येनें तेल अभिशेष करीनें येनें पासे १५ रहोनें प्रार्थना करे। वळी विश्वासयो उत्पन्न घई प्रार्थना अचैननें तराशे वळी ईश्वर त्येने श्रोत करशें त्येखें जो पाप

कोधूं हाय ता त्ये क्षेमा कोधा जाओ । तमें एक मयोस १६ बीत्रा एक मणोसना यासै पोतानू पाय व बूल करे। वळी समें योताना चैन थावानें माटै एक मणोस वळी एक मणीस * माटे प्रार्थना करें। यथार्थ करवावाळा मोसन ऊया ने 'सफळ प्रार्थनाथी मोटो लाभ है । एलीया श्रमारे १७ एवा रागविशिष्ट मोस हतैौ वळी येणेंघयी प्रार्थना कोधी को वरघात न थाय वळी त्रय वर्ष में छ महो नासुधो ये देश १८ मा जळ न घय ं । त्येणें बीजो विरियांपण प्रार्थना को धी बळी ग्राकाशयें वघी कोधी वळी भुमियें घोतानू फळ उत्पन्न १८ कोधूं । हे भाइयैौ जौ तमारा बच्मा कोई साधो बातची २० भ्रमन करे में कोई त्येने फरावे तो ये मोस कोई पापी लोकानें त्येना कामना भ्रमथो करावे ये जा को थे मोस मृत्युथी एक आत्माने रक्षा करशे में घया पाम ढांक्शे ।

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१ पितर क्ये ज्ये विशुखोटना एक दूत है ये बाजा पालव करवानें माटे श्रात्माना पवित्र करवाथी ने यिशु खोट ना २ मोही छोटवाथी ईश्वर पिताना परथम ज्ञान सेरखूं पसंद कोधा पंतस में गालातिया ने काप्पदोकिया ने ब्रासिया में वितिनिया देशमा विखड विखड विदेशी लोकाने पासें पत्र लखे है. तमारे ऊपर अनुग्रह में शांति दाविदा अधिक २ था। अमारा प्रभु विशुखोकना ईश्वर के पिता धन्य ध

को ज्येणें चैतन्यमय भरोसो यामवानें माटै पोतानो घटी मोटी पानें सरखूं यिशु खोटनें मृत्युधो फरो उठावा ४ थी खर्गमा मुक्यो थकै अविनाशो में निर्मळ में विनकुमळा ये अधिकार पामवानें माटै भ्रम‌में करी उत्पन्न को है। है। को ये ईश्वरनी सामर्थथो मोक्ष पानवानें मार्दै राख्या थकाईं वे अंत समयमा परघट थावानें माटै उप ६ स्थित है। ज्येमा अवश्यक रहवाथो तमें घणी परीक्षार्थी थोडा दिवस दुखथो उदास थैनें मोटी परसन्नता करें | ७ को तमारा विश्वासनी परीक्षा अमिथो परिक्षा को धो धो

क्षय थानहार सोमानी परीक्षाथोपण उत्तम येनें विशु खोटना परघट थाकानी वेळां स्तुति में मर्बदा नें वडाई श्राप

प्रेम करै छ। वळो ज्येनें इवसा जौ न जू तापय् विश्वास

करीनें तमें पोतान् विश्वासन फळ अर्थात पोतानी आत्मा ९ नू मोक्ष पामतै अवर्णनीय नं महिमाथी भच्या ग्रानंद १० यो मानन्द करैहै । ज्ये चाणमा विषयमा तमारे ऊपर

ये अनुग्रह थावावाळौ है त्येना विषयमा ज्ये श्राचार्ययायें ११ क्यू त्ये ज्यारे घोताना मनमा रहवावाळा खोष्टनी चात्मा ये खोटन् कष्ट नें त्येनी धारनहारा वढाईन् प्रमाण पूर्व चाप्यूं त्यारै त्ये शूं ने केवी सूरतनो समय जावू ए सोध करतैर पूछू ं में मोटी चिंताथी खेळ । ज्येण १२ नें पासै परघट ऋतू क्ये त्येहाय्य येोताना विषयमा नहीं मरंतु श्रमारा विषयमा त्ये वातनी सेवा कौधो को ध्ये चोण्यें स्वर्गथी मोकल्या थका धर्मात्माना पठंगाथी मंगळ समाचार तमारे पासै जणायू है त्येहारथी ए दात कामारे पासै वही जायकै त्येहाय्यर दूत आछो रोत्ये जोवानें घया ९३ चाहे । माटे यिशु खोष्टना पर घट थावानें समय हैं अनुयह तमारे पास लाया जाये ये धनुयहनें माटे वर्मे मनमो कैड वांधोनी सज्ञान चैनें कांत सुधो भरोसा १० करें। । आज्ञाकारी हैयाने खैा धेनें अमारे ज्ञान क ऴमा पूर्व ज्ये तमारो इच्छा इतो ये सरखूं पोताना नें १५ न रथीनें परंतु ज्येणें तमनें निश्चय कांधौ त्ये ज्येवै। पवित्र १९ है त्येव ं तमें सऊ व्यवहारमा पवित्र थावै।। क्ोंमध्ये

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ए लख्यूं है क्ये त पवित्र यात्रा कोमको इं पवित्रछू । १७ जो नमें पिताने पासे प्रार्थना करो को ज्ये खातरो न रा खीनें हरेक मणोस पावानूर काम्नें सरखूं विचार करे तो भय करते तमारी ए ठामें रहवानें दाढा कामै । चम् १८ को तमें जाणोछों को तमारा गरठाचौथो लोधाथको वृथा

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यवहारोधों में सोनू रूपञ्चादि विनाशी वस्तुथी माल

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लोधा इता को ज्ये निखेोट में दाग सिवाब मेंढाना बच्चादें २० वा हतौ । क्ये ज्ये संसारनी नोम करवानें पूर्खे निश्चय कोधूं गचत् सधैं परंतु तारै माटे ए अंत समयमा

२१ परंघट इत् । को ज्ये त्येथो ईश्वरपर विश्वास करे। छो क्य ज्येणें त्येनें मृत्युघो उठाया नें वडाई बापो को तमा २२ विश्वास में भरोसा ईश्वरमा रहे । एथो भाइयोंनें अ कपट प्रेम करवानें माटे तमे साची वात मालय करवाधी श्रात्मामा पठंगाथो पोताना मन पवित्र करोने विनाशोथो २३ बीर्य्यथो नहीं । परंतु अविनाशोधी अर्थात सदा वचवा वाळा ने स्थिर ईश्वरनी वातौथो फरो जन्या चैनें साफ २० मनयी ऊया चैनें परसर वाल्ह करे।। कोमको सऊ जीव धारो घासनो समान नें मणोसनू सऊ तेज् नें प्रताप घाव २५ ना फूलनें एव ं है । घास सुकाई जायछे में ये फूडो भाड पढेके परंतु प्रभुनी बात सदा रहेकै वीच्ये वात मंगळ समाचारमा नमारे पासें जावो गईछे. त्ये. ए ।

२ बीजो पव्वं - एमाटै मऊ हिंसा ने कपद ने काल्प २ निकप में अभिमान में सऊ मुंडो बात कहना मूकोनें लिग्यार दाखाना उत्पन्न थया हैवाने एवं तमारू येथो ३ वधवानें माटै वाता सूरत यथार्थ दूध मांगे। को को तमें • चाख्यू ं है को प्रभु दयाल है । ये पासै तमें मोसथो नाकबूल परंतु ईश्वरथी परसन्द कोधा नें मोघा मोब सजीव भाटानें एवं आवीनें सजीव भाठा सूरत परमा र्थिक एक मंदिर वाणायोथ को ळो विशु खोटबो मार ५. फत ईश्वर में पासै कबूलना लायक परमार्थना नैवेद्य करवान् शुद्ध एक याजकपणू निश्चयम‍ है। । एथो ई धर्म पुस्तकला र लख्यूं है । को जूचा कूणाने साटै पर

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